घण्टों कतार में खड़े लोगों के सामने ही पहले जमा होता है प्रभावशाली का किश्त
जौनपुर। नगर के वाजिदपुर तिराहे पर स्थित सिटी टावर में स्थित एलआईसी के कर्मचारियों की कार्यशैली से आज उपभोक्ताओं को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के शाखा प्रबन्धक सहित अधिकांश कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जहां आम जनमानस को बीमा का किश्त जमा करने के लिये लम्बी कतारों में लगकर घण्टों इंतजार करना पड़ता है, वहीं प्रभावशाली लोगों की किश्त बिना लाइन में लगे आम लोगों की उपेक्षा करके तत्काल जमा कर दी जाती है। ताजा मामला सोमवार की सुबह देखने को मिला। देखा गया कि जहां लोग लम्बी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे थे, वहीं एक वर्दीधारी पुलिस के आगे पूरा विभाग घुटने टेकता नजर आया। यही कारण रहा कि लोगांे को दरकिनार कर उक्त सिपाही की किश्त तत्काल जमा कर दी गयी। इस बात को लेकर कतार मंे लगे लोगों से बात की गयी तो बताया गया कि ऐसी घटना बराबर देखने को मिलता है। किश्त जमा करने के लिये घण्टों लाइन मंे लगकर इन्तजार करते हैं, वहीं विभागीय मिलीभगत से सक्षम लोगों का किश्त तत्काल जमा करा दिया जाता है। इतना ही नहीं, खुले पैसे को लेकर भी आम उपभोक्ताओं को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के साथ आर्थिक शोषण का भी शिकार होना पड़ता है। बताया गया कि किश्त जमा करने के उपरांत शेष बचे रूपये को विभागीय लोग वापस करना उचित नहीं समझते। इस बात को लेकर शाखा प्रबन्धक राम चरण कोटार्य से जब पूछा गया तो देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री की स्वच्छता अभियान को धता बताकर उन्होंने मुंह में पान खाये बड़ी मुश्किल से कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता है। यदि ऐसा हुआ होगा तो हम सिक्योरिटी से पूछ लेंगे। फिर कुरेदने पर उन्होंने कहा कि कि सिक्योरिटी पेशाब करने गया था, इसलिये कतार में लगे लोगों को रोक करके वर्दीधारी जवान का रूपया जमा किया गया लेकिन लापरवाही हुई है। शाखा प्रबन्धक के बात करने के भाव को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि इस बात को स्वीकार करने मंे वह लज्जा का अनुभव करने की बजाय उस पर पर्दा डालते नजर आये।
जौनपुर। नगर के वाजिदपुर तिराहे पर स्थित सिटी टावर में स्थित एलआईसी के कर्मचारियों की कार्यशैली से आज उपभोक्ताओं को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के शाखा प्रबन्धक सहित अधिकांश कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जहां आम जनमानस को बीमा का किश्त जमा करने के लिये लम्बी कतारों में लगकर घण्टों इंतजार करना पड़ता है, वहीं प्रभावशाली लोगों की किश्त बिना लाइन में लगे आम लोगों की उपेक्षा करके तत्काल जमा कर दी जाती है। ताजा मामला सोमवार की सुबह देखने को मिला। देखा गया कि जहां लोग लम्बी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इन्तजार कर रहे थे, वहीं एक वर्दीधारी पुलिस के आगे पूरा विभाग घुटने टेकता नजर आया। यही कारण रहा कि लोगांे को दरकिनार कर उक्त सिपाही की किश्त तत्काल जमा कर दी गयी। इस बात को लेकर कतार मंे लगे लोगों से बात की गयी तो बताया गया कि ऐसी घटना बराबर देखने को मिलता है। किश्त जमा करने के लिये घण्टों लाइन मंे लगकर इन्तजार करते हैं, वहीं विभागीय मिलीभगत से सक्षम लोगों का किश्त तत्काल जमा करा दिया जाता है। इतना ही नहीं, खुले पैसे को लेकर भी आम उपभोक्ताओं को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के साथ आर्थिक शोषण का भी शिकार होना पड़ता है। बताया गया कि किश्त जमा करने के उपरांत शेष बचे रूपये को विभागीय लोग वापस करना उचित नहीं समझते। इस बात को लेकर शाखा प्रबन्धक राम चरण कोटार्य से जब पूछा गया तो देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री की स्वच्छता अभियान को धता बताकर उन्होंने मुंह में पान खाये बड़ी मुश्किल से कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता है। यदि ऐसा हुआ होगा तो हम सिक्योरिटी से पूछ लेंगे। फिर कुरेदने पर उन्होंने कहा कि कि सिक्योरिटी पेशाब करने गया था, इसलिये कतार में लगे लोगों को रोक करके वर्दीधारी जवान का रूपया जमा किया गया लेकिन लापरवाही हुई है। शाखा प्रबन्धक के बात करने के भाव को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि इस बात को स्वीकार करने मंे वह लज्जा का अनुभव करने की बजाय उस पर पर्दा डालते नजर आये।
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