
सूत्रों के मुताबिक नगर पालिका का बजट वित्तीय वर्ष में लगभग एक अरब रूपये आया था लेकिन नगर की दुर्दशा देख कर कहा जा सकता है कि ये भारी भरकम रकम सिर्फ कागजो अफसर साही में खर्च किया गया, अगर नगर पालिका द्वारा किये गए कार्यो की बारीकी से जाच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
बता दें कि
इस तेज बारिश ने उमस व गर्मी से राहत दी। वहीँ किसानों के चेहरों पर
मुस्कान दिखी, खेत पानी से लबालब नजर आए, कुछ दिन तक धान की फसल की सिचाई
से किसानों को मुक्ति मिल गई।
हालांकि
नगर में लोग बेचैन दिखे। नगर में बारिश के दौरान स्थिति बेहद खराब हो गई।
नालियां साफ न होने से पानी सड़कों पर भर गया। इसकी वजह से नाले व नालियों
की गंदगी सड़कों पर आ गई। नगर में जल निकासी के इंतजाम की पोल बारिश ने
रविवार को खोल दी। जगह-जगह सड़कें व गलियां जलमग्न हो गईं। इससे लोग घरों
में कैद रहे। कई मोहलों में गलियां हिलोरे लेने लगी। इससे नगर पालिका के
प्रति नाराजगी साफ दिखी। पानी निकासी के लिए लाखों का बजट खर्च करने वाली
नगर पालिका के इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
तारापुर
कालोनी, मंडी अहमद खां, रामाश्रम कालोनी, नई गंज, परमानतुपर, लाइनबाजार
कचहरी रोड समेत अन्य जगहों पर जलभराव के हालात नजर आए। यहां पहले भी
जलभराव हुए लेकिन हालात नहीं सुधरे हैं। ऐसी ही स्थिति नगर के बाकी इलाकों
की रही। ज्ञात हो कि नाली और सड़क निर्माण में कमीशनखोरी के रूप आधी धनराशि
पानी में चली जाती है। निर्माण के कुछ दिन बाद ही पानी सड़कों पर बहने लगता
है। सफाई व्यवस्था की बदहाल स्थिति से बरसात में हालत और गंभीर हो जाती
है। अधिकांश सड़कों को चौड़ीकरण किया गया है नालियां का निर्माण भी हुआ है
लेकिन समस्या जैसे की तैसे बनी हुई है।
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