नई
दिल्ली। देशभर के प्राथमिक स्तर के सरकारी और निजी स्कूलों में 11 लाख 9
हजार अप्रशिक्षित शिक्षकों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग में
ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। यदि इस अवधि के बीच कोई शिक्षक
रजिस्ट्रेशन करने के साथ ट्रेनिंग नहीं करता है तो उसे सेवाओं से मुक्त कर
दिया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों के 12वीं
कक्षा में 50 फीसदी से कम अंक हैं, उन्हें एनआईओएस से दोबारा 12वीं कक्षा
की परीक्षा उक्त नियमों के तहत पास करनी भी अनिवार्य है। मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावडेकर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए देशभर के शिक्षा
मंत्रियों के साथ उक्त शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग की जानकारी साझा की।
जावडेकर
ने राज्यों को निर्देश दिया है कि यह उक्त शिक्षकों की ट्रेनिंग का आखिरी
मौका है। यदि शिक्षक ट्रेनिंग करने में कामयाब नहीं होते हैं तो फिर उन्हें
दोबारा मौका नहीं मिलेगा। शिक्षकों को एनआईओएस की वेबसाइट पर 15 सितंबर तक
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा।
हालांकि रजिस्ट्रेशन वे शिक्षक ही कर सकते हैं, जिनके 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक होंगे। जबकि आरक्षित वर्ग को पांच फीसदी की छूट मिलेगी। शिक्षक स्वयं प्लेटफार्म पर बीएड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन्हे ऑनलाइन मूक कोर्स और डिजिटल चैनल पर ट्रेनिंग मिलेगी।
जावडेकर ने राज्यों से एनसीईआरटी द्वारा तैयार लर्निंग आउटकम की बुकलेट अपनी क्षेत्रीय भाषा में तैयार करने को कहा है, जिसका फंड सरकार ने राज्यों को जारी कर दिया है। इसके अलावा नेशनल अचीवमेंट सर्वे 13 नवंबर को होगा, जिसमें करीब 30 लाख छात्रों के भाग लेने की संभावना है।
बता दें कि पिछले दिनों संसद में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत उक्त शिक्षकों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने के लिए 31 मार्च तक 2019 तक का विधेयक पास हुआ है।
हालांकि रजिस्ट्रेशन वे शिक्षक ही कर सकते हैं, जिनके 12वीं कक्षा में 50 फीसदी अंक होंगे। जबकि आरक्षित वर्ग को पांच फीसदी की छूट मिलेगी। शिक्षक स्वयं प्लेटफार्म पर बीएड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन्हे ऑनलाइन मूक कोर्स और डिजिटल चैनल पर ट्रेनिंग मिलेगी।
जावडेकर ने राज्यों से एनसीईआरटी द्वारा तैयार लर्निंग आउटकम की बुकलेट अपनी क्षेत्रीय भाषा में तैयार करने को कहा है, जिसका फंड सरकार ने राज्यों को जारी कर दिया है। इसके अलावा नेशनल अचीवमेंट सर्वे 13 नवंबर को होगा, जिसमें करीब 30 लाख छात्रों के भाग लेने की संभावना है।
बता दें कि पिछले दिनों संसद में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत उक्त शिक्षकों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता प्राप्त करने के लिए 31 मार्च तक 2019 तक का विधेयक पास हुआ है।
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